हमारे भारत देश में एक संस्कृत का श्लोक बहुत बोला जाता है। 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता' अर्थात जहाँ नारी को देवी का दर्जा मिलता है या नारी को देवी के समान माना जाता है वहा देवता निवास करते है। जब भी हमारे देश में नारी के मानसमान से जुड़ी कोई अप्रिय घटना होती है तो ,हमारे देश की जानी-मानी हस्तियाँ अपने अपने बयान देती है उस पर दुःख प्रकट करना नही भूलती हैं! लेकिन कल फिल्म डायरेक्टर संजयलीला भंसाली को कुछ करनी सैनिको ने नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए एक थप्पड क्या मार दिया पुरा बॉलीवुड ही " अति दुःखद घटना" अति दुःखद घटना का रोना रो रहा है। यह वही बॉलीवुड जो नारी अस्मिता का हितैसी होने का दिखावा करता है वो ही बॉलीवुड आज चित्तौड़ की रानी पद्मिनी जो इतिहास में अमर और राजपुतो के साथ साथ हिंदुओ के लिए एक आदर्श है। हमने उन्हें देवी के समान दर्जा दिया है।उनके त्याग और बलिदान को देखते हुए आज उनके इतिहास को भंसाली तोड़ मरोड़ कर , सच्च को झूठ बना कर जनता के सामने रखने जा रहा था इसका विरोध हर सभ्य समाज करेगा ही । ऐसा ही करनी सैनिको ने किया तो इसमें बुरा क्या किया ?? आखिर...
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