सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अक्तूबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ये कहां आ गये हम ?

आज हम अपने आप को बड़े शान से आधुनिक कहते है ! और साथ ही दुनिया में सबसे बुद्धिमान जीव होने का दावा बड़े अदब के साथ करते है , क्या  सिर्फ technolog  का होने को आधुनिक कहा जा सकता है ???  बिल्कुल नही !  आधुनिकता का मतलब all-over development से है,  तकनीक के साथ -साथ जहनी तोर पर भी सक्षम होना आधुनिकता है ! क्या आज के समय में हम जहनी तौर पर आधुनिक है ? मुझे तो ऐसा कही नही देखता ! जिस प्रकार सदियो पहले मानव एक आदमखोर था । इंसानो को मार के खा जाता था अपना पेट भरने के लिए। आज 21वी शदी में भी वही तो हो रहा है ! इसमें क्या बदलाव आया हैं?? बस बदलाव इतना सा आया है की पहले वो अपना शिकार पत्थर से बने औजार से करता था, आज बंदूक से करता है ! अलग अलग धर्म अलग अलग  समुदाय के नाम पर दुनिया मे नरसहार होता है रहता है आख़िर हम कहा आ गये ? क्या यही आधुनिकता है ???  अरे जब हम एक इंसान होकर एक अन्य इंसान को इंसान नही समझते तो कहा के आधुनिक ? अगर ये आधुनिकता है तो, हमे नही चहिए एसी आधुनिकता ! हमारे अंदर कूट कूट कर कट्टरता भरी पड़ी है जाती धर्म के नाम पर और मजे की बात तो यह है ,की हमारे अंदर कट्टरता भरने वालो को

बापू

आज ही के दिन भारत में दुनिया के एक महान फ़क़ीर का जन्म हुआ  जिन्हे दुनिया बड़े प्यार से महात्मा बुलाती है। जी हां मैं बात कर रहा हु मोहन दाश कर्मचंद गाँधी की । जिन्होंने दुनियाभर में शाति सत्य भाईचारा और अहिँसा का सन्देश दिया  इस इस मरने मारने के युग में अगर कोई शान्ति सत्य अहिंशा की बाते कर तो जरूर हांस्यस्पद ही लगेगी! बापू इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते थे । फिर भी बापू अपने सिद्धान्त पर अड़े रहे और दुनिया को देखा दिया के सत्य और अहिंसा की बाते कपोल कल्पना नही है इनको अपने वास्तिवक जीवन में उतरा जा सकता है इसका उदारण हम बापू के जीवन से ले सकते है बापू जीवन भर दो कपड़ो में रहे  , जीवन भर ग़रीबो और निःशक्त जानो के साथ रहे  बापू को कभी राजनीतिक मोह नही रहा । उस समय बापू  चाहेते तो देश के प्रधानमंत्री बन सकते थे । उनके लोकप्रियता अद्भुत थी न केवल भारत में बल्कि पूरे दुनिया में । लकिन बापू को अपना फकरी जीवन प्यारा था ।  इतिहास में आज वो अमर है ! आज बड़े दुःख की बात है आज इस देश के ही कुछ लोग बापू को गालियाँ देते है उनके लिए अपसब्द बोलते है । में दावे के साथ बोल सकता हु उन लोगो न कभी