आज हम अपने आप को बड़े शान से आधुनिक कहते है ! और साथ ही दुनिया में सबसे बुद्धिमान जीव होने का दावा बड़े अदब के साथ करते है , क्या सिर्फ technolog का होने को आधुनिक कहा जा सकता है ??? बिल्कुल नही !
आधुनिकता का मतलब all-over development से है, तकनीक के साथ -साथ जहनी तोर पर भी सक्षम होना आधुनिकता है ! क्या आज के समय में हम जहनी तौर पर आधुनिक है ? मुझे तो ऐसा कही नही देखता ! जिस प्रकार सदियो पहले मानव एक आदमखोर था । इंसानो को मार के खा जाता था अपना पेट भरने के लिए। आज 21वी शदी में भी वही तो हो रहा है ! इसमें क्या बदलाव आया हैं?? बस बदलाव इतना सा आया है की पहले वो अपना शिकार पत्थर से बने औजार से करता था, आज बंदूक से करता है ! अलग अलग धर्म अलग अलग समुदाय के नाम पर दुनिया मे नरसहार होता है रहता है आख़िर हम कहा आ गये ? क्या यही आधुनिकता है ??? अरे जब हम एक इंसान होकर एक अन्य इंसान को इंसान नही समझते तो कहा के आधुनिक ? अगर ये आधुनिकता है तो, हमे नही चहिए एसी आधुनिकता ! हमारे अंदर कूट कूट कर कट्टरता भरी पड़ी है जाती धर्म के नाम पर और मजे की बात तो यह है ,की हमारे अंदर कट्टरता भरने वालो को हम कोई पद दे देते है! हम उन्हें अपना गुरु या कोई अन्य नाम दे देते है, और उन्हें ऐसा करने का certificate दे देते है।हमारे अंदर कितनी कट्टरता भरी हुई है ,उसका एक उदारण देता हु
जब मैं अपने university दोस्तों के साथ बैठ कर कभी गांधीवाद पर बात करता हु तो हम में से 90% लोग गाँधी जी कोई भद्दी भद्दी गालियां देते है! क्यू ? क्योंकि बापू न सत्ये अहिंसा का सिद्धान्त दिया था इसलिये वो तिरस्कार का शिकार बन रहे है ! दोष उनका नही है जो जो गालियां देते है ! उन बिचारों की कोई गलती नही है! गलती उन की है जो गांधीवाद पर लोगो के दिलो में नफरत पैदा करते है! अरे भाई जब कोई सत्ये अहिँसा की बात कर रहा है तो इसमें गलत क्या है ??? इसमें गलत यह है कि अगर लोग बापू के सिद्धांत पर चलने लग गए तो इन धर्म के ठकेदारों की दुकानें बंद हो जायेगी ।
मेरे कहने का मतलब साफ है , दुनिया का कोई धर्म किसी को मारना नहीं सीखता , इंसान को इंसान समझना ही सबसे बड़ा धर्म है । जैसा के सदियो पहले भारत के ऋषियों न कहा है अहिँसा परमो धर्मं जब पैदा करने वाले न पैदा करते वक्त कोई धर्म का नही निशान नही दिया तो हम कोन होते है ऎसा करने वाले ?
आपके विचार सादर आमन्त्रित है ।
thik h
जवाब देंहटाएंbhutshai likha hai aaj k sandharf ma
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