सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गणेश मंदिर रातानाडा, जोधपुर

जोधपुर के रातानाडा में स्थित सिद्ध गणेश मंदिर...जोधपुर वासियो के गहरे आस्था का केंद्र है!
यह मंदिर एक ऊंची पहाडी पर स्थित है,  इस मन्दिर में दर्शनार्थ जाने के लिए दो रास्ते हैं। इनमें एक रास्ता छोटा है और इस पर सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। दूसरा रास्ता लंबा है, लेकिन यहां आप वाहन की मदद से दर्शन के लिए जा सकते हैं।
यह मंदिर भूतल से लगभग 108 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
जहाँ से पूरे जोधपुर का सुंदर विहंगम दृश्य दिखाई देता है!


वीडियो यहाँ देखे




दोस्तो अगर आपको हमारा यह एपिसोड पसन्द आया है तो अपना support दिखाने के लिये वीडियो को लाइक और
 चैनल को subscribe करना ना भूले.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भोलाराम जी महाराज देवरी धाम रतकुड़िया

                संत भोलाराम जी देवरी धाम दोस्तों आज हम आपको बातयंगे एक ऐसे स्थान के बारे जो  हज़ारों लोगो की आस्था का केंद्र है, राजस्थान के जोधपुर जिले के रतकुड़िया गांव में स्थित है भोलाराम जी महाराज की देवरी। समाधि स्थली का नाम ही देवरी धाम है। यह स्थली जोधपुर जिला अन्तर्गत भोपालगढ़ तहसील के रतकुडि़या गांव के पहाड़ पर स्थित है। इस पहाड़ का यह सबसे ऊँचा भाग है, इसका पूर्व नाम ‘‘देवरी मचाल’’ था जिसका शाब्दिक अर्थ है, देवताओं की भूमि, बूढ़े-बुजुर्गों के अनुसार यह भूमि पूर्व में भी किसी महान् संत की तपस्या स्थली थी। जिसको संत श्री भोलाराम जी महाराज ने भजन करके इस भूमि को पुनः जागृत कर जिज्ञासुओं के लिए आत्मचिंतन केन्द्र व आस्थाशीलों के लिए पवित्र स्थल बना दिया। इस पवित्र धाम का वर्तमान इतिहास मात्र 78 वर्ष का ही है, इस अल्प अवधि में यह स्थल धार्मिक पर्यटक स्थल का रूप ले चुका है। दूर-दराज से रोज सैकड़ों भक्तजन अपने-अपने दुखः निवारण हेतु आते हैं तथा हँसते हुए जाते देखे जा सकते हैं। यहाँ स्थित है भोलाराम जी महाराज की जिवित समाधि स्थल।  जहाँ आज बना है भव्य मंदिर यहाँ हर साल बरस

Mysteries footprint on stone

       Philosophical world travel diary                        Presentation दोस्तो आज हम आपको फिलोशोपिकाल वर्ल्ड ट्रेवल डायरी प्रोजेक्ट्स तहत ले चलते है एक ऐसे मिस्ट्रीज से भरे सफर पर जिसे जान कर आप दांतो तले आप अंगुली दबा लेंगें!  आज हम बात करँगे कर्नाटक में स्थित लेपाक्षी देवी टेम्पल के अजूबे के बारे में  तो चलिये शूरु करते है..... 1.राम पदम  विभद्र मंदिर परिसर में स्थित है एक बड़े से पैर का निशान जिन्हें राम पदम के नाम से जाना जाता है! इस विशालकाय पैर के निशान को देखकर ऐसा लगता है जिसे किसी ने पैर को जोरदार तरीके से जमीन में मारा हो,  और पैर चट्टान में धस गया हो!  कइयों लोगो का मानना है की यह राम पदम नही बल्कि माता सीता के पैरों के निशान  है।   2.विशालकाय प्लेट्स कहा जाता है की यहाँ पत्थर पर उकेरी प्लेटनुमा आकृति  शिव काल में प्रयोग में ली गई प्लेट या किसी बर्तन के निशान है लेकिन बहुत से लोग इन्हें प्लेट नही मानते बल्कि  विशाल कलर प्लेटे मानते है जो की शायद यहाँ चित्रकारी करने में काम ली गई थी! जो भी हो यह वाकई किसी रहस्य से कम नही है आप जब भी यह गुमने