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इश्क़ का रूहानी सफ़र एपिसोड ,3


'Ishq kaa Ruhaani safar-ek love story' Episode 3




तुम से मेरी पहली मुलाकात मैं भला कैसे भूल सकता हूँ आज भी मेरे जहन में हमारी वो पहली मुलाकात ज्यो के त्यों ताजा है!
 जब मैने तुम को पहली बार देखा तो तुम्हे देखकर मेरा दिल धक से रुक सा गया,
कसौली में December की गुलाबी सर्दियों थी,  जब मेने तुम्हे पहली बार देखा था,
और मै एकटक बिना पलकें जपकाये तुम्हें देखता ही गया,यह रुई सी बर्फ की बौछारे,मुझे किसी गुलों की बारिश सी लग रही थी
और ऐसा लगा मानो मैं किसी अलग ही दुनियां में आ गया हूँ! ये बर्फ की चादरे ओड के खड़े देवदार और चीड़ के पौधे मानो मुझे चिड़ा रहे हो,!
और तुम मुझे एकदम किसी जन्नत की परी सी लग रही थी गुटनो तक फैला लंबा लीबाद! कंधो पर बिखरे खुले रश्मी बाल सिर पर ऊन की काली टोपी
तुम्हे ऒर भी खूबसूरत बना रहा था!
  तुम्हारी लंबी भौहे और खूबसूरत नीली आँखे और जब तुम हँसती तो बर्फ से सुर्ख हुऐ तुम्हारे लालगुलाबी गाल  उस बर्फ़ीली शाम की  खूबसूरती में चार चाँद लगा जाते!

सच्च पुछो तो मुझे तुम्हारी खूबसूरती के आगे यह हिमाचल  की बर्फ़ीली वादियों की खूबसूरती फिकी सी लगने लगी थी !

और जब तुम मेरे बगल से गुजरी तो तुम्हारी एक भिनी सी महक ने मुझे दीवाना बना दिया था!
मै तुम को तब तक देखता रहा जब तक तुम  बर्फ की वादियों में कही ओझल ना हो गई!

पूरी शाम  मैं तुम्हारे ही ख्यालों में खोया रहा,मेरे मन में हज़ारों सवाल उठ रहे थे..
तुम कौन हो ,कहां से आई हो, तुम्हारा नाम क्या है फला फला!
 मैं समझ नही पा रहा था कि ,आख़िर मुझे यह क्या हो रहा था, वोही भिनी सी महक मुझे अब भी कही मेरे आस पास बिख़िरी हुई सी महसुस हो रही थी !

ऐसा नही था की मैने इस पहले इतनी खूबसूरत लड़की नही देखी थी, बेशक देखी थी
 पर तुम्हे देखकर मुझे जो एक अजीब सी फीलिंग्स हुई थी ऐसी फीलिंग मुझे आज तक कभी किसी को देखकर नही हुई थी..
क्या इसे ही कहते है Love at first site? मैं नही जानता था। पर मेरे अंदर कही कुछ तो बदल गया था...
जिसका अहसास मुझे सोने नही दे रहा था!

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