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Ishq kaa Ruhaani safar-Ek love story 


Episode-5


उस दिन सुबह से ही झिलमिल बारिश हो  हो रही थी , मैं सुबह तैयार होकर अपने पूरे दोस्तों के काफ़िले से अलग ही निकल पड़ा उसी जगह जहां मैने उस लड़की को देखा था! जिस ने मेरी रातो की नींद और दिन का चैन छीन रखा था। में पूरे दिन देवदार ओर चीड़ के पौधों को गुरता रहा। और आने जाने वालों को उम्मीद भारी निगाहो से देखता रहा
पर जिसका का मुझे इतंज़ार था वो नही आयी! मै मन ही मन अपने आप को कोसने लगा !
बेटा देव पहली बार कोई लड़की तुझे पसंद और अब वो ही गायब हो गई! वाह! क्या किस्मत पायी हैं तूने!
तभी किसी ने मेरे कंधे पर जोर से हाथ दे मारा! कहा गुम हो देव साब??
समीर ने तंज कसते हुए कहा , न नही कही भी तो नही बस यूं ही टहल रहा हूं! मैने थोड़ा असहज होते हुए कहा!
चल चलते है Sunset point ! समीर ने मुझे खींचते हुए कहा!
मेरा मन तो नही था लेकिन फिर भी ना जाने क्यों में समीर के साथ निकल पड़ा!
कसौली की हरियाली शाम के समय मे और ज्यादा खिली हुई सी लग रही थी, हम दोनों पैदल ही निकल पड़े sunset point
कसौली की खूबसूरत पहाडो की गोद व में बसा sunset point वाकई बहुत खूबसूरत लग रहा था!
मेरे आस पास खड़े नये नवेले सैलानी  जोड़े , हाथों में कैमेरा लिये सूर्यास्त होने का इंतज़ार कर रहे थे! साना साना बादल छाए हुए थे ,लेकिन बारिश एकदम रुकी हुई थी!
लगभग 6 बजने को थे धीरे धीरे पुरी धाटी पीली चमक से भर गयीं , वो सूर्यास्त का नज़ारा वाकई बहुत अद्भुद था.. लाल और पीली रौशनी से पुरी धाटी जगमगा रही थी! तभी पीछे से आती एक हँसी की आवाज ने मेरा ध्यान आकर्षित किया!
यह वही लड़की थी, जिसका मुझे इतंज़ार था

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