दोस्तो आज से मैं आपको मेरी खुद की लिखी नावेल "इश्क़ का रूहानी सफर " के भाग एपिसोड्स में लिखूंगा और साथ ही साथ इसका वीडियो भी आप के साथ शेयर करूँगा जो कि आपको Philosophy of life कांसेप्ट समझने में मदद मिलेगी तो पेश है इसका पहला एपिसोड।
Episode 1
हर शाम जब यह सूरज धीरे धीरे डूबता है... तो ऐसा लगता है मानो जिंदगी का एक और अध्याय डूब सा गया है...! तुम जानती हो, में हर शाम अपनी बॉलकोनी में बैठ के इस डूबते हुऐ सूरज को देखता रहता हूँ।ताकि में ज़िन्दगी को थोड़ा और करीब से देख सकु! ओर साथ ही साथ यह महसुस कर सकूं की यह जहां नश्वर है! जिसको एक रोज इस थैके हारे सूरज की तरह डूब जाना है!
हाहा! अब तुम यह कहोगी की आजकल मै कुछ Philosophical /(दर्शनिक ) बाते ज्यादा ही करने लग गया हूँ! हाँ मुझे भी यही लगता है,
जब से तुम ने मुझे ज़िन्दगी की हक़ीक़त से रूबरू करवाया है , तब से मैं कुछ दार्शनिक कुछ शायरीमय सा हो गया हूँ!
हाहा! अब तुम यह कहोगी की आजकल मै कुछ Philosophical /(दर्शनिक ) बाते ज्यादा ही करने लग गया हूँ! हाँ मुझे भी यही लगता है,
जब से तुम ने मुझे ज़िन्दगी की हक़ीक़त से रूबरू करवाया है , तब से मैं कुछ दार्शनिक कुछ शायरीमय सा हो गया हूँ!
तुम्हरा यू अचानक से बिना बताये चले जाना मुझे बहुत खटका था कई रोज..में किसी कायर की तरह दहाड़ मार मार के रोता था जब भी तुम्हारी याद कोई याद मेरे अंतरमन का दरवाजा खटका देती !
यह यादे होती ही ऐसी है कमब्खत वक्त बेवक्त बस आ जाती है!
शायद तुम कही मेरे रूह के इतनी अंदर तक बस गई कि थी कि मुझे से तुम्हारा अलग होना बर्दास्त नही हो पा रहा था!
यह यादे होती ही ऐसी है कमब्खत वक्त बेवक्त बस आ जाती है!
शायद तुम कही मेरे रूह के इतनी अंदर तक बस गई कि थी कि मुझे से तुम्हारा अलग होना बर्दास्त नही हो पा रहा था!
और तुम्हे ? क्या तुम्हें यह बर्दाश हो गया ??
आज भी मेरे लिये यह बड़ा सवाल है उलझी पहेली सा...हा शायद तुम्हे बर्दाश्त हो गया होगा इसलिये तुम ने कभी मुड़ के नही देखा मेरी तरफ!
तुम्हारे ज़िन्दगी में मेरी क्या अहमियत थी ,
मैं नही जानता ! लेकिन मेरे लिये तुम एक पूरी दुनियॉ थी..किसी सपनो के जैसी हसीन दुनियां जिसको मैने बड़े करीने से सजाया था ..और किसी पागल माली की तरह अनगिनत खब्वों के पौधे लगा रखे थे रंग बिरंगे खशबू वाले ! लेकिन तुमने? तुम ने तो
पनपने से पहले ही सारे पौधों को
बड़ी बेहरमी से रौंद डाला अपने पैरों के तले!
कभी कभी तो मेंरा मन यह मानने को तैयार ही नही होता कि तुम ने यह सब किया है !हाँ तुम ने! वो लड़की जो कभी चींटी तक को नही मारती थी वो इतनी ख़्वाबों का कत्ल कर देगी!पर आखिर क्यों? आज भी इस शूल से चुभते सवाल का जबाब ढूंढ नही पाया!
आज भी मेरे लिये यह बड़ा सवाल है उलझी पहेली सा...हा शायद तुम्हे बर्दाश्त हो गया होगा इसलिये तुम ने कभी मुड़ के नही देखा मेरी तरफ!
तुम्हारे ज़िन्दगी में मेरी क्या अहमियत थी ,
मैं नही जानता ! लेकिन मेरे लिये तुम एक पूरी दुनियॉ थी..किसी सपनो के जैसी हसीन दुनियां जिसको मैने बड़े करीने से सजाया था ..और किसी पागल माली की तरह अनगिनत खब्वों के पौधे लगा रखे थे रंग बिरंगे खशबू वाले ! लेकिन तुमने? तुम ने तो
पनपने से पहले ही सारे पौधों को
बड़ी बेहरमी से रौंद डाला अपने पैरों के तले!
कभी कभी तो मेंरा मन यह मानने को तैयार ही नही होता कि तुम ने यह सब किया है !हाँ तुम ने! वो लड़की जो कभी चींटी तक को नही मारती थी वो इतनी ख़्वाबों का कत्ल कर देगी!पर आखिर क्यों? आज भी इस शूल से चुभते सवाल का जबाब ढूंढ नही पाया!
Youtube Video " Ishq kaa Ruhaani Safar
Episode 1
Episode 1
आगे का भाग जारी रहेगा अगले एपिसोड में.....
To be Continued In next episode...
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