सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अक्तूबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
इश्क़ का रूहानी सफ़र एपिसोड ,3 'Ishq kaa Ruhaani safar-ek love story' Episode 3 तुम से मेरी पहली मुलाकात मैं भला कैसे भूल सकता हूँ आज भी मेरे जहन में हमारी वो पहली मुलाकात ज्यो के त्यों ताजा है!  जब मैने तुम को पहली बार देखा तो तुम्हे देखकर मेरा दिल धक से रुक सा गया, कसौली में December की गुलाबी सर्दियों थी,  जब मेने तुम्हे पहली बार देखा था, और मै एकटक बिना पलकें जपकाये तुम्हें देखता ही गया,यह रुई सी बर्फ की बौछारे,मुझे किसी गुलों की बारिश सी लग रही थी और ऐसा लगा मानो मैं किसी अलग ही दुनियां में आ गया हूँ! ये बर्फ की चादरे ओड के खड़े देवदार और चीड़ के पौधे मानो मुझे चिड़ा रहे हो,! और तुम मुझे एकदम किसी जन्नत की परी सी लग रही थी गुटनो तक फैला लंबा लीबाद! कंधो पर बिखरे खुले रश्मी बाल सिर पर ऊन की काली टोपी तुम्हे ऒर भी खूबसूरत बना रहा था!   तुम्हारी लंबी भौहे और खूबसूरत नीली आँखे और जब तुम हँसती तो बर्फ से सुर्ख हुऐ तुम्हारे लालगुलाबी गाल  उस बर्फ़ीली शाम की  खूबसूरती में चार चाँद लगा जाते! सच्च पुछो तो मुझे तुम्हारी खूबसूरती के आगे यह हिमाचल  की बर्फ़ीली वादियों की

Ishq kaa Ruhaani safar episode 2 , इश्क़ का रूहानी सफर एपिसोड 2

इश्क़ का रूहानी सफर एपिसोड 2 हर शाम डायरी के यू पन्ने भरना अब तो मेरा शग़ल बन गया है कहते है ना, diary is the best friend of Isolated people! यह मुझे पर बिल्कुल सही चरितार्थ होता है!  कभी मै कहता था कि कि जज्बातों का हाल ऐ बयां करने के लिये कोई हमसफर होना चाहिये, लेकिन अब मै ही कहता हूँ हमसफर नही बस कोई माध्यम होना चाहिए ताक़ि हम अपने जज्बातों को बयां कर सके! चाह वो डायरी ही क्यों ना हो किसी रोज उसने मुझे पुछा था क्या तुम डायरी लिखतें हो ?,मैने हँसते हुए कहा,था की डायरी क्या लिखना हमारी ज़िन्दगी के लम्हे इतने भी छोटे नही होने चाहिए कि चंद कागज के पन्नो में सिमट जाये! लेकिन मैं और मेरी तन्हाई ने ज़िंदगी के उसूल बदल दिये! तुम्हारे चले जाने के बाद, कई बार मैं अपनी डायरी से सवाल करता हूँ कि  कुछ लोग हमारे ज़िंदगी मे आते ही क्यों है और आते है तो फिर चले क्यो जाते है ? लेकिन यह डायरी सब कुछ सुन लेती है बड़ी खामोसी से पर पलट कर कोई जबाब नही देती ,ना जाने कितने ही राज दफन कर रखे है इसने अपने सीने में! मेरी तरह! लेकिन अब से मैने तय किया है कि मेरे सीने में उठ रहा जज्बातों के ज्वर क

इश्क़ का रूहानी सफर -एपिसोड 1, Ishq kaa Ruhaani safar Episode 1

दोस्तो आज से मैं आपको मेरी खुद की लिखी नावेल "इश्क़ का रूहानी सफर " के भाग एपिसोड्स में  लिखूंगा और साथ ही साथ इसका वीडियो भी आप के साथ शेयर करूँगा जो कि आपको Philosophy of life कांसेप्ट समझने में मदद मिलेगी तो पेश है इसका पहला एपिसोड।                                   Episode 1 हर शाम जब यह सूरज धीरे धीरे डूबता है... तो ऐसा लगता है मानो जिंदगी का एक और अध्याय डूब सा गया है...! तुम जानती हो,  में हर शाम  अपनी बॉलकोनी में बैठ के इस डूबते हुऐ सूरज को देखता रहता हूँ।ताकि में ज़िन्दगी को थोड़ा और करीब से देख सकु! ओर साथ ही साथ यह महसुस कर सकूं की यह जहां नश्वर है! जिसको एक रोज इस थैके हारे सूरज की तरह डूब जाना है! हाहा! अब तुम यह कहोगी की आजकल मै कुछ Philosophical /(दर्शनिक ) बाते ज्यादा ही करने लग गया हूँ! हाँ मुझे भी यही लगता है, जब से तुम ने मुझे ज़िन्दगी की हक़ीक़त से रूबरू करवाया है , तब से मैं कुछ दार्शनिक कुछ शायरीमय सा हो गया हूँ! तुम्हरा यू अचानक से बिना बताये चले जाना मुझे बहुत खटका था कई रोज..में किसी कायर की तरह दहाड़ मार मार के रोता था जब भी तुम्हारी याद

Philoshopy of Life! Part 1

दोस्तो स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग में,दोस्तो आज में आपको बताऊंगा की एक positive life के टिप्स और इसी तरह के Philoshopical विचार जानने के लिये विजिट करते रहे मेरा ब्लॉग पेज  और मुझसे जुड़े यूट्यूब से मेरा यूट्यूब चैनल है "philoshopical world" आप इस चैनल को यूट्यूब पर सर्च करे  https://www.youtube.com/channel/UCPYYW3Hd3pTt4JnoPUCrElA   और suscribe जरूर करे दोस्तो ज़िंदगी से अनमोल गिफ़्ट कुछ नही हो सकता, अगर ज़िन्दगी खुशनुमा और हैल्थी हो तो क्या कहने ! यह तो सोने में सुहागा है। इंसान परमात्मा की सबसे प्यारी रचना है , यह सबसे अक्लमंद ,सुंदर रचना है परमात्मा की! लेकिन आज की इस भागदौड़ की ज़िंदगी मे ऐसा लगता है मानो सब कुछ रटा रटाया सा हो रहा है और ज़िन्दगी इतनी रफ्तार से भाग रही है कि हमे अपने आप के वजूद का अहसास तक नही हो रहा, हम तो बस किसी मशीन की तरह काम किये जा रहे है दिन रात ! क्या यही ज़िन्दगी है ?? नही बिल्कुल नही ! जीवन मे सबसे ज्यादा जरूरी है, ज़िंदा हो तो ज़िंदा होने का अहसास होना, तब ही आप ज़िंदगी के गणित को समझ सकते हो ,अन्यथा यह जीवन आपको बेकार ही लगेगा जिसके जिम्मेदार सिर