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Bijali mahadev temple.. Mysteries temple

Bijali mahadev temple Himachal Pardesh



नमस्कार दोस्तो एकबार फिर स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग्स्पॉट ओर यूट्यूब चैनल फिलोशोपिकाल वर्ल्ड में!
और में हूं आपका होस्ट और दोस्त राज राठौड़,(बजरंग राठौड़) दोस्तो फिलोशोपिकाल वर्ल्ड ट्रेवल डायरी प्रोजेक्ट तहत आज हम आपको ले चलते कुल्लु हिमाचल प्रदेश के बिजली महादेव के दर्शन के लिये!


कुल्लू शहर में वयास और पार्वती नदी के संगम के पास ही ऊंचे पर्वत के ऊपर स्थित है बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है।
जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर बारह साल में भयंकर आकाशीय बिजली गिरती है। बिजली गिरने से मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है। यहां के पुजारी खंडित शिवलिंग के टुकड़े एकत्रित कर मक्खन के साथ इसे जोड़ देते हैं। कुछ ही माह बाद शिवलिंग एक ठोस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
 इस शिवलिंग पर हर बारह साल में एक बार बिजली क्यों गिरती है और इस जगह का नाम कुल्लू कैसे पड़ा इसके पीछे एक पौराणिक कथा है
 यहां कुलान्त नामक दैत्य रहता था। दैत्य कुल्लू के पास की नागणधार से अजगर का रूप धारण कर मंडी की घोग्घरधार से होता हुआ लाहौल स्पीति से मथाण गांव आ गया। दैत्य रूपी अजगर कुण्डली मार कर ब्यास नदी के प्रवाह को रोक कर इस जगह को पानी में डुबोना चाहता था। इसके पीछे उसका उद्देश्य यह था कि यहां रहने वाले सभी जीवजंतु पानी में डूब कर मर जाएंगे। भगवान शिव कुलान्त के इस विचार से से चिंतित हो गए।
बहुत से प्रयासों के बाद भगवान शिव ने उस राक्षस रूपी अजगर को अपने विश्वास में लिया। भगवान शिव ने उसके कान में कहा कि तुम्हारी पूंछ में आग लग गई है।
इतना सुनते ही जैसे ही कुलान्त अजगर पीछे मुड़ा तभी शिव ने कुलान्त के सिर पर त्रिशूल वार कर दिया। त्रिशूल के प्रहार से कुलान्त मारा गया। कुलान्त के मरते ही उसका शरीर एक विशाल पर्वत में बदल गया।


कहा जाता है प्रचीन काल मे यहाँ कुलान्त नामक दैत्य रहता था, जो एक विशाल अजगर के रूप में था, भगवान शिव ने कुलान्त का जब वध किया तब
उसका शरीर धरती के जितने हिस्से में फैला हुआ था वह पूरा की पूरा क्षेत्र पर्वत में बदल गया।
 कुल्लू घाटी का बिजली महादेव से रोहतांग दर्रा और घोग्घरधार तक की घाटी कुलान्त के शरीर से निर्मित मानी जाती है। ,तब से इस जगह का नाम कुल्लु जो गया
कुलान्त दैत्य के मारने के बाद शिव ने
भगवान इंद्र से कहा कि वे बारह साल में एक बार इस जगह पर बिजली गिराया करें तब से अब तक हर बारहवें साल में एकबार यहां बिजली गिरती है
 यह बिजली इसलिए गिरती है
क्योकि भगवान शिव नहीं चाहते चाहते थे कि जब बिजली गिरे तो जन धन को इससे नुकसान पहुंचे। भोलेनाथ लोगों को बचाने के लिए इस बिजली को अपने ऊपर गिरवाते हैं।


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