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Advocate Bajrang Singh Rajasthan High Court Jodhpur , Rajasthan

एडवोकेट बजरंग सिंह राठौड़ वर्तमान में राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर राजस्थान में वकालत करते हैं, वकील साहब जोधपुर रहते हैं लेकिन मूलतः ग्रामीण परिवेश से है आप जोधपुर के पास स्थित खांगटा गाँव से है , आप एक यंग जोशीले और काफी होशियार वकील है।                 एडवोकेट बजरंग सिंह राठौड़                        (राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर) वकील साहब फौजदारी, सिविल, और पारिवारिक मामले लेते है , लेकिन फैमिली कोर्ट, और फौजदारी मामलों में आपको अच्छी पकड़ है या यूं कहें आप इनके एक्सपर्ट हैं तो अतिशयोक्ति नही होगी।                Advocate Bajrang singh Rathore        ( Rajasthan highcourt jodhpur,rajasthan) आपकी को वकालत करते हुए अभी ज्यादा वक्त नही हुआ है लेकिन फिर भी आप ने बहुत कम समय में ही अच्छा नाम कमाया है और कई मुकदमो में जीत हासिल की है, वकील साहब की खाश बात यह है कि जो भी व्यक्ति इनके पास अपनी समस्या लेकर जाता है वकील साहब बिना सामने वाले व्यक्ति को हैसियत देखे उसकी मदद करने को तैयार रहते हैं, कई बार वकील साहब ने ऐसे लोगो के भी केस लड़े है ,जो उनकी फीस देने मे भी
हाल की पोस्ट
          शीतला माता मंदिर पाली राजस्थान एक घड़ा ऐसा जो कभी नही भरता, जी हां आप ने बिल्कुल सही सुना है, आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे ही रहस्यमय स्थान के बारे में। राजस्थान के पाली जिले में  शीतला माता का एक रहस्यमयी मंदिर है, जहां एक ऐसा चमत्कारी घड़ा रखा है ,जिसमे कितना भी पानी डालो जो कभी नहीं भरता है। ऐसा पिछले 800 सालों से होता आ रहा है। मंदिर का यह चमत्कारी घड़ा आधा फीट गहरा और आधा फीट चौड़ा है। ऐसा माना जाता है कि इस घड़े में डाले जाने वाले पानी को राक्षस पी जाता है। जिसका माता ने कल्याण किया था हैरानी की बात यह है कि आज भी कई वैज्ञानिक शोध करने के बाद भी इसके बारे में कोई पता नहीं लगा पाए है कि आखिर ऐसा क्यों और कैसे होता है। पाली के लोगों का कहना है कि यह परंपरा लगभग 800 सालों से ऐसे ही चली आ रही है। मंदिर में रखे इस घड़े को साल में केवल दो बार ही खोला जाता है, शीतला सप्तमी पर और ज्येष्ठ माह की पूनम पर इस घड़े के मुंह पर रखे हुए पत्थर को  इन्ही दो दिन  हटाया जाता है। दोनों ही समय गांव की सभी महिलाएं बर्तन भर भर के पानी लाती है और घड़े में पानी भरने का प्रयत्न करती

महात्मा गांधी

                      आधुनिक युवा और बापू मैं जानता हूँ कि आप मे से बहुत से लोगो को मेरा यह आर्टिकल बिल्कुल पसंद नही आयेगा, पर यकीन मानिये मुझे इसकी जरा भी चिंता नही है. खैर कोई बात नही ,अच्छा लगे तो आगे पढ़ना नही तो इग्नोर कर देना । हमारे देश की विडंबना है कि हमारी आज की युवा पीढ़ी महात्मा जी ( गांधी जी ) को खूब गालिया देती है , उनके बारे में ख़ूब उल्टा सीधा बोलती है, लिखती है , यह कितना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो लोग जो खुद को गोडसे ( एक हत्यारे ) का भक्त बताते है, उसका मंदिर बनाते है , उसकी पूजा करते है।  सिर्फ इतना ही नही सोशल मीडिया में पर अलग अलग वितर्क देकर उन महान आत्मा का गौर अपमान भी करते है, मै 100% यकीन के साथ यह कह सकता हूं ऐसे लोगो ने अपनी ज़िंदगी में कभी भी किसी प्रमाणिक पुस्तक से कभी बापू के बारे में नही पढ़ा होगा, यह लोग सिर्फ सोशल मीडिया में फैलाये हुए गंदी भ्रामक पोस्टो के शिकार हुऐ लोग है। गांधी जी ने अपने जीवन काल मे क्या किया यह तो छोड़ो इनको को तो शायद इतना भी नहीं पता होगा कि आखिर हम 2 अक्टूबर क्यों मनाते है!  अगर बापू इतने ही खराब होते तो क्यों

झरना महादेव चौकड़ी

      झरना महादेव चौकड़ी, जोधपुर राजस्थान                नमस्कार दोस्तों मैं हूं आपका होस्ट ओर दोस्त राज राठौड़ ,            आज फिर आपके सामने हाज़िर हूं एक रोमांचक सफर के साथ दोस्तो फिलॉसॉफिकल वर्ल्ड ट्रैवेल डायरी प्रोजेक्ट तहत  आज हम आपको ले चलते है जोधपुर राजस्थान के खांगटा ग्राम से 4 किलोमीटर की दूरी पर चौकड़ी ग्राम में स्थित झरना महादेव के दर्शन के सफर पर।                         Video यहाँ देखे  👇                                  दोस्तो झरना महादेव का मंदिर जोधपुर राजस्थान के चौकड़ी ग्राम में स्थित है यह मंदिर काफी प्रचीन है और पहाड़ों की खूबसूरत वादियों में बसा होने के कारण काफी फेमस भी है, यहाँ पर कई संतो  महापुरुषों ने तपस्या की है जिसेके निसान आज भी मौजूद है, यहां कई संत तपस्वियों की जीवित समाधि स्थल भी हैं, विहंगम नज़ारा झरना महादेव का                                                             मुख्ये प्रवेश द्वार यह मंदिर चौकड़ी गाँव की पहाड़ियों के मध्य स्थित है,  जिस वजह से यह काफी खूबसूरत लगता है इस मंदिर की खास बात यह है की यहाँ का झ

भोलाराम जी महाराज देवरी धाम रतकुड़िया

                संत भोलाराम जी देवरी धाम दोस्तों आज हम आपको बातयंगे एक ऐसे स्थान के बारे जो  हज़ारों लोगो की आस्था का केंद्र है, राजस्थान के जोधपुर जिले के रतकुड़िया गांव में स्थित है भोलाराम जी महाराज की देवरी। समाधि स्थली का नाम ही देवरी धाम है। यह स्थली जोधपुर जिला अन्तर्गत भोपालगढ़ तहसील के रतकुडि़या गांव के पहाड़ पर स्थित है। इस पहाड़ का यह सबसे ऊँचा भाग है, इसका पूर्व नाम ‘‘देवरी मचाल’’ था जिसका शाब्दिक अर्थ है, देवताओं की भूमि, बूढ़े-बुजुर्गों के अनुसार यह भूमि पूर्व में भी किसी महान् संत की तपस्या स्थली थी। जिसको संत श्री भोलाराम जी महाराज ने भजन करके इस भूमि को पुनः जागृत कर जिज्ञासुओं के लिए आत्मचिंतन केन्द्र व आस्थाशीलों के लिए पवित्र स्थल बना दिया। इस पवित्र धाम का वर्तमान इतिहास मात्र 78 वर्ष का ही है, इस अल्प अवधि में यह स्थल धार्मिक पर्यटक स्थल का रूप ले चुका है। दूर-दराज से रोज सैकड़ों भक्तजन अपने-अपने दुखः निवारण हेतु आते हैं तथा हँसते हुए जाते देखे जा सकते हैं। यहाँ स्थित है भोलाराम जी महाराज की जिवित समाधि स्थल।  जहाँ आज बना है भव्य मंदिर यहाँ हर साल बरस

Bhimbetka caves U.P india , भीमबेटका गुफ़ा

                  भीमबेटका की गुफाऐं.               (Caves of Bhimbetka) मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के रातापानी अभयारण्य  में स्थित है भीमबेटका की गुफाएं                           Bhimbetka caves महाभारत के बाहुबली भीम यहां बैठते थे, विश्राम करते थे इसलिए इन गुफाओं को भीमबैठका गुफाएँ कहा जाता है  ऐसा कहा जाता है की भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न इन्ही गुफाओ मौजूद हैं!                   Bhimbetka cave painting ये गुफाऐं हज़ारों वर्ष पहले का जीवन और मनुष्य के क्रियाकलापों को दर्शाते हैं। यहाँ बनाए गए चित्र लगभग 30 हज़ार साल पुराने है और वाकई बहुत अद्भुत रहस्यमय है और अपने अंदर समेटे है उस समय की पहेलियां इन गुफाओं की दीवारों पर उकेरे चित्र नृत्य, संगीत, शिकार, घोड़ों और हाथियों की सवारी, आभूषणों को सजाने और खाना इकठे करने के बारे में हैं। इनके अलावा  इन चित्रों में बाघ, सिंह, जंगली सुअर, हाथियों, कुत्तों और घडियालों जैसे जानवरों के भी चित्र है! लेकिन अजीब बात यह है कि भीमबेटका जैसे ही चित्र spain और france को गुफाओ में भी पाये गये है! इनके बीच क्या क

Mysteries footprint on stone

       Philosophical world travel diary                        Presentation दोस्तो आज हम आपको फिलोशोपिकाल वर्ल्ड ट्रेवल डायरी प्रोजेक्ट्स तहत ले चलते है एक ऐसे मिस्ट्रीज से भरे सफर पर जिसे जान कर आप दांतो तले आप अंगुली दबा लेंगें!  आज हम बात करँगे कर्नाटक में स्थित लेपाक्षी देवी टेम्पल के अजूबे के बारे में  तो चलिये शूरु करते है..... 1.राम पदम  विभद्र मंदिर परिसर में स्थित है एक बड़े से पैर का निशान जिन्हें राम पदम के नाम से जाना जाता है! इस विशालकाय पैर के निशान को देखकर ऐसा लगता है जिसे किसी ने पैर को जोरदार तरीके से जमीन में मारा हो,  और पैर चट्टान में धस गया हो!  कइयों लोगो का मानना है की यह राम पदम नही बल्कि माता सीता के पैरों के निशान  है।   2.विशालकाय प्लेट्स कहा जाता है की यहाँ पत्थर पर उकेरी प्लेटनुमा आकृति  शिव काल में प्रयोग में ली गई प्लेट या किसी बर्तन के निशान है लेकिन बहुत से लोग इन्हें प्लेट नही मानते बल्कि  विशाल कलर प्लेटे मानते है जो की शायद यहाँ चित्रकारी करने में काम ली गई थी! जो भी हो यह वाकई किसी रहस्य से कम नही है आप जब भी यह गुमने